
उमरिया –अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस के उपलक्ष्य पर युवा टीम के द्वारा ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों पर बच्चों को पढ़ाई के लिए पुस्तकें पेंसिल रबर कटर पेन आदि वितरण किया गया एवं उपस्थित सभी ने अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस, संकल्प लिया कि बच्चों के अधिकारों के प्रति संवेदनशील रहते हुए जरूरतमंद बच्चों की मदद करके उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
टीम संयोजक हिमांशू तिवार ने टीम के साथ रविवार को अंतर्राष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस मनाया। इस दौरान शास्त्ररा गांव में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें लोगों को 14 साल से कम आयु वर्ग के बच्चों से किसी भी प्रकार काम कराने पर लगे प्रतिबंध व इसके उल्लंघन पर मिलने वाले दंड को लेकर जानकारी दी गई। कहा कि बच्चों से कोई ऐसा काम नहीं लिया जा सकता, जिससे उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचे। बाल मजदूरी पूरी तरह से प्रतिबंधित है। बताया कि बच्चों से रसायन के कारखानों, ईट भट्ठों, लोहे के कार्य, भवन निर्माण के कार्य व भारी मशीनरी के कार्यों सहित कहीं भी ढाबा या घरों में काम कराना प्रतिबंधित है। ऐसा करने से उनके अंदर हीन भावना पैदा
होती है। बाल श्रम को एक सामाजिक समस्या है। इसके खात्मे के लिए सभी को आगे आना होगा। उन्होंने अभिभावकों को शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक शोषण से बच्चों को बचाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर टीम संयोजक हिमांशू तिवारी,खुशी सेन,नेहा सिंह, संयोगिता पांडेय,पलक सिंह, बच्चें सुरभि कोल,मुस्कान बैगा,महिमा बैगा,रागिनी कोल,रामवती बैगा,रंजीत बैगा व सभी उपस्थित रहे।